जैसे नया विद्यार्थी तमाम कागज़ बिखरा देता है,तब जाकर अंत में nots तैयार होते है !वही मेरे साथ हुआ कई ब्लॉग बन गए ! ये भी उन ही में से है !
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017
my e-book: पगली , तुम कब समझोगी ?!
my e-book: पगली , तुम कब समझोगी ?!: रे पगली .... तुम नहीं समझोगी ! कभी भी ... सही मायने ! समझकर भी ..... न कह सकोगी ! न सह सकोगी ! बहरे समाज ने ...
DR. PRATIBHA SOWATY: अंदाज़ अपना -अपना ....
DR. PRATIBHA SOWATY: अंदाज़ अपना -अपना ....: तृष्णा कोई कहता बंगाली है तो किसी ने कहा नहीं क्रिश्चियन है ! कुछ उसके महाराष्ट्रियन होने का अंदाज़ लगा रहे थ...
DR. PRATIBHA SOWATY: अंदाज़ अपना -अपना ....
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