शनिवार, 23 नवंबर 2013

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गुरुवार, 21 नवंबर 2013

हाइकू : आधुनिक हाईगा

हाइकू : आधुनिक हाईगा:            जब  भी कोई नया प्रयोग होता है , उसकी आलोचना  के रास्ते खुल जाते हैं .तब उसे सोने को खरा करने   की  प्रक्रिया...

DR. PRATIBHA SOWATY: ख़ुशी

DR. PRATIBHA SOWATY: ख़ुशी: ********************************* ख़ुशी   के    रंग , शोख़ , सुनहरे -से ! जीवन के , बंज़र में , दिखते हरे - से !! ***********...

हाइकू : कबीर / ग़ालिब /भाग 1

हाइकू : कबीर / ग़ालिब /भाग 1: ******************************************* * कबीर और ग़ालिब , समकालीन  नही  थे !  * उनकी तुलना  का तो सवाल  ही  नही उठता !  * फिर भी...

शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

सवाल / भाग 3

 --------- हालाकि  ये ' टंका ' है . मुझे  मालूम है .पर ....
जाने   क्यूँ  एक सवाल अक्सर सर उठाता  है , हम डरते कब से हैं ? किससे हैं ? और  आख़िर क्यूँ ?
        क्या  इसीलिए  बचपन की  हर  कहानी , एक था  राजा  से शुरू होती थी ? क्या  इसीलिए आ  जाती थी  परियां / राजकुमार / फूल /खुशबू /चाँद /तारे ?
                   यदि  ऐसा था तब क्या ' ज़ुरूरत' थी  इस  बात  की, कि कोई  जादूगर  या राक्षस  टपक पड़े  बीच में ! कोई   काली  बिल्ली ! और  .... क्या  इसी  तरह शुरुआत  होती  है  डर  की ?
                 और  फिर  अँधेरे भी  डराने  लगते हैं ! रस्सी सांप बन जाती है ! और  यदि   वक्त  पर  सूरज  न  निकले  तब  उसे  ' अजगर ' बन  जाने में कितनी देर लगेगी ? 
             -------------- जारी 

मंगलवार, 27 अगस्त 2013

janmashtami par




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             हाइकू  / एनीमेशन / अकविता / मुक्तक / हाईगा / टंका / चोका / सेदोका
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         यही तो लिखे है अब तक / fb पर ! और सीखने की प्रक्रिया ही में तमाम पेज और ब्लॉग बना डाले ! तब  जाकर सफलता तो मिली , पर संतुष्टि अब  भी दूर खड़ी मुस्कुराती है !
------------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति

शनिवार, 17 अगस्त 2013

lock

blog par di jane wali samgri jb tk copy pst nam ki bimari se bachav k liye upyukt lock n khoj le
koi bhi  orijnl writer kaese nishchint ho sakta h ?
                                                   -------- kaese blog par likh sakta h ?