प्रतिभा के हाइकु
1
कड़वी बात
मत कहे मुख से
रहे सुख से
2
कांटो ने कहा
बहुत दुख हुआ
फूलों ने सहा
3
आसमां पर
तारों की महफिल
चांद है दिल
4
चांद से मुख
छुपा लेता अक्सर
भीषण दुख
5
मन के भाव
समझ का अभाव
दे गए घाव
6
अक्षर नेक
आकार निराकार
ईश्वर एक
7
उसकी चाह
रोज देती दस्तक
मन की राह
8
इंद्रधनुष
धरती हंस पड़ी
अंबर खुश
9
कर दे क्षमा
खुद ही हरितमा
धरा तू ही मां
10
आंखें देखती
ख्वाब कितने सारे
बिना विचारे
_________________डॉ प्रतिभा स्वाति